Thursday, November 11, 2010

चल पड़े उन रहो पर हम
जिन पर कभी सोचा न था,
चल पड़े उन चौराहो पर हम
जहाँ किसी ने मिलना न था,
तलाश रही जिन रहो की हमे
वो रहे गुम हो गयी कहाँ,
राह देखी जिस राही की हमने
उस राही से कभी हमे मिलना न था,
राहो पर जिन पर चलना था हमे
कांटो से क्यूं बिछी थी वो,
दर्द की इस राह पर
क्या अकेले ही चलना था हमे ?